हाँ मै सब के दिल में रहा तुम्हारे बिना
ये ज़िंदगी बिना तुम्हारे, सुनी सुनाई बेसबाक,
बिना तुम्हारे, तमाम रंग गए हैं अधूरे, बीते लम्हों में,
बिना तुम्हारे जवाब सबके सवाल।
तुम्हारी यादों का जादू, बस गया हर एक कोने में,
जैसे तुम्हारे साथ, वो पल हर दिन चल रहे हैं फिर से।
मेरी आँखों के सिरे से बहते हैं सपने,
तुम्हारे साथ जो खो गए, वो ख्वाब भी अब हैं अदूरे।
जिंदगी की मोहब्बत अब अधूरी सी लगती है,
तुम्हारे बिना ये दुनिया जैसे अधूरी सी लगती है।
इस तन्हाई की गहराइयों में, तुम्हारी यादें हैं मेरी साथ,
अब भी जैसे तुम हो मेरे पास, मेरे दिल की बातें तुम्हारे साथ।
अब तुम्हारे बिना ये ज़िंदगी लगती बेहाल,
तुम्हारी यादों की छाया अब भी है मेरे दिल के पास।
हाँ, मैं हर महफ़िल में रहा तुम्हारे बिना,
हाँ सबके दिल में रहा तुम्हारे बिना।
“हाँ मै रहा सब के दिल में तुम्हारे बिना”